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बिहार की राजनीति के सूरमा कहे जाने वाले पप्पू यादव बार-बार यह कह रहे थे कि दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ देंगे. महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से बीमा भारती के पर्चा भरने के बाद भी पप्पू यादव ने लालू यादव से गुहार लगाते हुए कहा था कि मैं लालटेन सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हूं. पप्पू यादव की गुहार काम नहीं आई. आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती के बाद अब पप्पू यादव भी पूर्णिया सीट से मैदान में उतर गए हैं पप्पू यादव ने नामांकन के अंतिम दिन पूर्णिया कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. पप्पू यादव ने कांग्रेस के जयकारे लगाए, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आशीर्वाद का भी दावा किया लेकिन नामांकन बतौर निर्दलीय उम्मीदवार किया. पप्पू यादव के मैदान में आ जाने से पूर्णिया की लड़ाई अब त्रिकोणीय हो गई है. पप्पू यादव के नामांकन को लेकर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पप्पू यादव ने दिल्ली पहुंचकर पवन खेड़ा की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने, अपनी पार्टी के विलय का ऐलान कर दिया था लेकिन तकनीकी रूप से अभी तक ऐसा हुआ नहीं था।