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बिहार में शराब पीने वाले अब जेल नहीं जाएंगे. उनको केवल शराब माफियाओं की जानकारी देनी होगी. उनके द्वारा बताया गया सोर्स अगर सही होगा और उनकी जानकारी पर शराब माफिया की गिरफ्तारी हुई तो वो जेल जाने से बच जाएंगे. उत्पाद विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी कृष्ण कुमार सिंह ने ये जानकारी दी है. उन्होंंने बताया कि जेलों में बढ़ती शराबियों की संख्या के मद्देनजर ये बड़ा फैसला लिया गया है. पुलिस और मद्यनिषेध विभाग को नीतीश सरकार ने समीक्षा बैठक के बाद ये अधिकार दिया है.आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद कहीं ना कहीं राज्य सरकार ऐसा करने पर विवश हुई है. कृष्ण कुमार ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि अब तक करीब 3 से 4 लाख व्यक्तियों को शराब पीने के आरोप में जेल भेजा गया है. हालांकि, बिहार सरकार जेल जाने के बाद शराब पीने वालों की संख्या का सर्वेक्षण करने वाली है. इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार शाम को दावा किया था कि बिहार सरकार राज्य में सफलतापूर्वक शराबबंदी लागू करने और इसके लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।हमने 2018 में एक नशामुक्ति सर्वेक्षण किया था कि 1.64 करोड़ लोगों ने शराब का सेवन छोड़ दिया था. चार साल बाद, हम यह जानने के लिए एक और सर्वेक्षण करने जा रहे हैं कि कितने और लोगों ने नशे की लत पर काबू पाया है. इस सर्वे के तहत जेल से छूटने के बाद शराब छोड़ने वालों की गिनती पर अधिकारी ध्यान देंगे. अगर कोई शराब पीकर मर जाता है, तो हम उसके साथ सहानुभूति नहीं रख सकते.’।