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बिहार में स्कूल खोलने और बंद को लेकर दो आईएएस आमने-सामने हो गए हैं. ठंड बढ़ने के बावजूद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल खोलने का फरमान जारी कर दिया है. दूसरी ओर जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू करते हुए स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है. अब इस स्थिति में बच्चे इस सवाल को लेकर परेशान है कि स्कूल खुले हुए हैं या बंद पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर ने एक इंटरव्यू में एसीएस केके पाठक के निर्देश पर कहा है कि बिहार में ठंड से जिंदगी बेहाल है. ऐसे में पहले जिंदगी जरूरी है. अगर किसी को आदेश से दिक्कत है तो वो सीआरपीसी पढ़ें लें. जिलाधिकारी ने कहा कि आकास्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमें शक्तियां मिली हैं हर किसी का क्षेत्राधिकार है, और हमने क्षेत्राधिकारी से मिली शक्तियों के तहत स्कूल बंद करने का फैसला किया हैं. यहां किसी से भी और किसी के साथ टकराव जैसी कोई बात नहीं है. जो उचित सम्मत था, उसका पत्र लिखकर जवाब दिया गया है पटना DM का आदेश पटना के डीएम ने ठंड के कारण सभी स्कूलों को वर्ग आठ तक और आगनबाड़ी को 23 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया था. आदेश के अनुसार आकस्मिक परिस्थितियों को लेकर स्कूल को बंद करने का फैसला लिया गया था. पटना का तापमान साढ़े 5 डिग्री से भी कम था, इसलिए ये फैसला लिया गया था. आगे मौसम को देखकर फैसला लिए जाने की बात भी कही गई थी DM ने किस नियम का हवाला दिया वहीं, पटना के डीएम ने सीआरपीसी नियम का हवाला देते हुए कहा कि आकास्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमें अधिकार मिला है. कहीं कोई विवाद नहीं है, हमने अपने क्षेत्राधिकारी से मिली शक्तियों के तहत ही स्कूल बंद करने का फैसला किया है और हमारे आदेश का उच्चतर न्यायालय में ही चुनौती दी जा सकती है।