
बिहार सरकार के द्वारा शिक्षक नियोजन को लेकर जारी की गई नई नियमावली और नियमों के विरोध में राज्य भर के सभी शिक्षकों ने राजधानी के आईएमए हॉल में शुक्रवार को शिक्षकों का महासम्मेलन आयोजित किया गया. इसमें सैकड़ों की संख्या में आए शिक्षकों ने राज्य सरकार के प्रति अपनी नाराजगी दिखाई, साथ ही आगे की रणनीति की चर्चा की गई. इस आयोजन में पूरे राज्य से आए सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे. इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा की तरफ से किया गया था. आयोजन के दौरान इन शिक्षकों और अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार के प्रति जमकर नारेबाजी भी की.आयोजन में हिस्सा लेते हुए पालीगंज के विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि जो नई नियमावली आई है. इसका कोई सिर पैर नहीं है. सरकार इस नियमावली से क्या हासिल करना चाहती है? यह साफ नहीं हो रहा है. यह लिफाफेबाजी है कि पुराने शिक्षकों की परीक्षा ली जाएगी तो क्वालिटी एजुकेशन आ जाएगा. पूरे राज्य में चार लाख पुराने शिक्षक हैं. संदीप सौरभ ने कहा कि शिक्षक अपना अधिकार मांग रहे थे. 20 सालों से शिक्षक बहाल है. वह सरकार के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्यों को कर रहे हैं तो सरकार को उनका अधिकार देना चाहिए था. महागठबंधन के घोषणा पत्र में यह बात थी. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार जो नियमावली लेकर आई है उसमें संशोधन किया जाए.संदीप सौरभ का यह भी कहना था कि एसी में बैठे हुए चंद आईएएस ऑफिसर से सरकार ने पॉलिसी बनवा ली है. जबकि हकीकत में क्या सच्चाई है और क्या जरूरत है ? इससे उनका बहुत मतलब नहीं है. इसलिए इसमें परीक्षा का प्रावधान किया गया था. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करें. बिना शर्त राज्य कर्मियों का दर्जा दे. नई बहाली जो लेनी है उसमें भले ही बात हो सकती है. नए शिक्षक सरकार को किस तरह के चाहिए इस पर बात हो सकती है.