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बिहार में इन दिनों जहरीली शराब पीने से मौत के बाद शराबबंदी कानून पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. जदयू को छोड़ तमाम राजनीतिक दल शराबबंदी को लेकर हमलावर हैं. मुख्यमंत्री के गृह जिले में जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत पर बीजेपी आग बबूला है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था. आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा, क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता है, तो आपके लिए ये अपराध है.संजय जायसवाल ने कहा कि दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी. 10 साल का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना, जहां वो ये सब काम चालू रख सकें.
तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है, जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है. इस को पकड़ना भी बहुत आसान है. इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा. शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए, पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं, जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे. जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा.