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बिहार में अब 14 बाइपास बनाने का रास्ता साफ हो गया है। 509 करोड़ की लागत से बनने वाले इन बाइपासों की शीघ्र ही मंजूरी ली जायेगी। किसी गांव से 40 किमी के बाद कम से कम एक हाइवे मिले। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 2035 के लिए एक प्लान तैयार किया जा रहा है। मंत्री बनने के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य पर बृहस्पतिवार को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने अपनी उपलब्धियों को साझा करते हुए यह जानकारी प्रदान कीमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में बिहार चहुमुखी विकास कर रहा है। सड़कों के मेंटेनेंस के लिए ओपीआरमीएस लागू है। मरम्मत में कोई भी कोताही न हो, इसके लिए विशेष एप और मुख्यालय में वार रूम मार्च से काम करने लगेगा। बजट सत्र के दौरान ही बिहार की ब्रिज मेंटेन पॉलिसी पारित हो जाएगी। इससे पुलों का रखरखाव बेहतर ढंग से हो सकेगा। हालांकि विभाग का लक्ष्य है कि जिला मुख्यालय कम से कम 4 लेन से जुड़ा हो और किसी भी गांव से 4 लेन सड़क 40 किमी से ज्यादा न हो इसी को देखते हुए एक वर्ष में 3 NH आमस-दरभंगा, पटना-आरा-सासाराम और पटना-मानिकपुर-साहेबगंज- अरेराज की मंजूरी मिली। 5585 करोड़ की 22 राष्ट्रीय उच्च पथ परियोजनाओं की मंजूरी प्रदान की गई जिसमें 3 ROB है। 13 हजार 37 करोड़ की लागत से 12 NH पर काम शुरू हो चुका है। वहीं 7684 करोड़ के लागत की 9-NH के लिए निविदा जारी की गई
राज्य बजट का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि एक वर्ष में 130 किमी एसएच का उन्नयन हुआ। तथा एडीबी से कर्ज लेकर 2727 करोड़ की लागत से 271 किमी लंबे 7 एसएच का उन्नयन शुरू किया गया। 1096 किमी लंबी जिला पथों का नवीकरण हुआ। 176 किमी लंबी 46 योजनाओं को एक वर्ष में पूरा किया गया है। औरंगाबाद, बांका, गया के लिए विशेष के तहत 189 किमी सड़कों का काम शुरू हुआ। तथा एक वर्ष में 716 करोड़ की लागत से 59 पुलों का निर्माण पूरा हुआ। 920 करोड़ की लागत से 8 पुल निर्माण की मंजूरी दी गई।