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पटना बिहार में पिछले महीने हुए नगर निकाय चुनाव को नियम विपरीत बताने वाली याचिका परसुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह के लिए टाल दी है. शुक्रवार को इस मुद्दे पर सुनवाई हुई लेकिन कोर्ट ने इसे दो सप्ताह के लिए टाल दिया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके महेश्वरी की पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की जिसमे बिहार सरकार के प्रतिनिधि ने कोर्ट को याचिका का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा. कोर्ट ने अनुरोध स्वीकारते हुए मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी।बिहार में निकाय चुनाव पहले ही दो चरणों में 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को चुनाव हो गया है. चुने गए जनप्रतिनिधियों ने शपथ लेकर अपने काम भी शुरू कर दिया है. लेकिन निकाय चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग को उचित आरक्षण नहीं देने की बात कही गई है. इसे लेकर पहले अक्टूबर में होने वाले चुनाव पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. साथ ही इस मुद्दे पर बिहार सरकार की तरफ से अक्टूबर में अति पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया। दो महीने के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दी. हालांकि रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई।वहीं बिना किसी रोस्टर बदलाव के चुनाव भी दो चरणों में दिसम्बर महीने में हो गया. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव को नियम विपरीत बताया गया है. हाईकोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लिए 20% आरक्षित सीटों को जनरल कर नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी करें. लेकिन निर्वाचन आयोग की तरफ से बस चुनाव की तिथि को बदला गया. इसके अलावा किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. न हीं आरक्षण की स्थिति में और न ही अलग से नोटिफिकेशन जारी किया गया है।इस मामले में बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है. बिहार सरकर ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान अपना जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है। अब इस मामले की सुनवाई फरवरी के पहले सप्ताह में होनी है।